Petrol Diesel Price : देशभर में लगातार महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेल रही आम जनता के लिए अब राहत की खबर है। तेल और गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि आने वाले तीन से चार महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कमी देखी जा सकती है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास बनी रहती हैं और वैश्विक स्थिति स्थिर रहती है, तो भारत में खुदरा पेट्रोलियम उत्पाद सस्ते हो सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में स्थिरता बनी रही है
हरदीप सिंह पुरी ने ‘ऊर्जा वार्ता-2025’ के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें भारत में लगभग स्थिर बनी हुई हैं। भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बनी रही हो, लेकिन देश में उपभोक्ताओं पर इसका बहुत असर नहीं पड़ा है।
तेल कंपनियों के पास है पर्याप्त भंडार
पुरी ने यह भी साफ किया कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों के पास फिलहाल 21 दिनों का पर्याप्त तेल भंडार मौजूद है। इसका मतलब है कि आपूर्ति में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी और अगर कच्चे तेल की कीमतें नियंत्रित रहीं तो देश में कीमतों में गिरावट आ सकती है।
रूस बना भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता
उन्होंने बताया कि भारत अपनी 85 प्रतिशत से ज्यादा तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। पहले जहां पश्चिम एशिया मुख्य आपूर्तिकर्ता था, अब रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है। रूस ने भारी छूट देकर भारतीय तेल कंपनियों को आकर्षित किया और वर्तमान में भारत का 40 प्रतिशत से ज्यादा आयात रूसी तेल से हो रहा है।
अब 40 देशों से हो रही है तेल की खरीद
हरदीप पुरी ने कहा कि भारत अब 40 देशों से तेल खरीद रहा है, जबकि पहले यह संख्या 27 थी। इसमें गुयाना, अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे नए नाम भी शामिल हो गए हैं। भारत ने बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया है और जहां से सस्ता और विश्वसनीय तेल उपलब्ध है, वहां से आयात किया जा रहा है।
अमेरिका के दबाव को किया खारिज
रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका की ओर से बने दबाव को भारत ने खारिज कर दिया है। अगर भविष्य में अमेरिका कोई बड़ा टैक्स या पाबंदी लगाता है, तो भारत पहले की आपूर्ति व्यवस्था में वापस लौट सकता है, जब रूस से तेल आयात दो प्रतिशत से भी कम था।